मीनक सिंह की छाया
The Quiet Power of Presence: A Visual Essay on Identity and Intention in Modern Photography
इस फोटो में कोई मॉडल नहीं है… बस एक साया है।
7 साल की खामोशी?
2018 की शूट में ‘हुआयांग’ फ्लवर’ के बजाय पिक्चर…
और हम सबको ‘ग्लैमर’ पर हँसते हैं!
पर सच्चाई?
वह मुद्दत से पिक्चर में खड़…
किसने कहा? “अच्छी कि तुम?”
ये ‘पिंक मेड’ पहने का प्रश्न…
जवान-साबि की शाम…
प्रकृति।
बिना मेकअप।
बिना हॉट।
बस… एक सांस।
अभी-लय! 😌
तुमने भी कभी फ्रेम में खड़ से पढ़ा?
Xiaoxiao Sal’s Debut: Where Taoist Serenity Meets Cyber-Soft Femininity in a Pink Silk Embrace
कितना सांस्क्रिटी? कितना लेस? ये फोटो में तो हवा है… पर दिल्ली के पुराने मकान में चाय की धुंध में समंद के सपने! 🌿
ये ‘Xiaoxiao Sal’ का डेब्यूट है? नहीं… ये तो सबकोल की साँस्क्रिटी है।
एक पर्दा… पगड़ियों में पुराने के सपनों का पुरज़ियो।
कभी-कभी महिलाएँ… अपने ‘शॉर्ट-फॉर’ में ‘इमोशनल-एथल’ पढ़ती हैं।
आपको कब-समय ‘चल’ हुआ? Comment Section Mein Fight Karo!
Personal introduction
मैं मीनक सिंह — दिल्ली की एक फोटोग्राफर, जो प्रत्येक तस्वीर में एक चुपचुपी कहानी है। मेरा काम है सुंदरता को समझना, सिर्फ़ सौंदरता नहीं, बल्कि उसके पीछे का सन्नाटा। मैं महिलाओं के मन के सवालों को प्रकट करती हूँ — बिना शब्द, बिना हलचल। हर पिक्चर एक मौन सफ़र है। आपके पास? 🌿️ (160字符)


